विषम परिस्तितियो के बीच भी शिक्षक दे रहे है अपनी सेवा जान जोखिम में डाल कर दे रहे सेवा।
VLC@पखांजुर. आपको बता दे कि क्षेत्र में बारिश के समय ऐसे ऐसे जगह है जहाँ आज तक पुल पुलिया के निर्माण नही हुई है जिसमे सबसे ज्यादा असुविधा शिक्षक वर्ग को उठाना पड़ता है।चाहे नदी नाला उफान में हो या नदी का जलस्तर बड़ चुका हो शिक्षकों को जाना होगा स्कूल क्यों कि बच्चे स्कूल के समय से लेकर छुट्टी तक इन्तेजार करते स्कूल के शिक्षकों का,ऐसा एक खबर सामने निकालकर आ रहे है कि,
विकास खण्ड कोयलीबेड़ा के अन्तर्गत छोटेबेठीया में कोटरी नदी कांदाड़ी पुल पुलिया निर्माण नहीं होने से शिक्षक साथी गण विषम परिस्थितियों में भी अपनी सेवा देने हेतु स्कूल शिक्षा का संचालन किया जा रहा। जो वर्तमान समय में स्कूल में नाश कि पेपर संचालन किया जा रहा है। और ऑनलाइन डाटा एंट्री करने हेतु कोसो दूर जाना पड़ता है, किसी भी प्राथमिक विद्यालय में नेटवर्क नहीं होने से शासन प्रशासन से कोई कम्प्यूटर संचालन, व ऑपरेटर नहीं दिया जा रहा है और एकल शिक्षक के भरोसे से संचालन हो रहा है और लोकल अधिकार संकूल समनयक के अलावा कोई भी झांकते तक नहीं है। नदी के उस पर करीबन 15 स्कूल संचालित है सभी स्कूल के शिक्षक अपनी जान जोखिम में डालकर नदी को नाव के सहारे पार कर अपना डयूटी निभा रहा है।नदी को नाव के सहारे पर करते समय निजी वाहन को भी साथ ले जाना पड़ता क्यों कि नदी पार होने के बाद भी कोई-कोई स्कूल 5 किलोमीटर कोई 10 किलोमीटर दूरी पर है वहा तक पहुचने के लिए निजी वाहन की जरूरत होता है नाव के सहारे अपनी वाहन के साथ पार होकर ड्यूटी दे रहे है।
प्रत्येक वर्ष बारिश के समय इस प्रकार का हालात बन जाता है।शासन प्रसाशन को उक्त बातें असुविधा के संबंध में जानकारी है पर जानकारी होने के वावजूद भी शिक्षको को सही सलामत स्कूल तक पहुचने के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्ता आज पर्यन्त नही किया गया। शासन प्रशसन को चाहिए कि इस प्रकार से शिक्षक जो नदी पार कर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे है उन सब शिक्षकों के लिए कुछ व्यवस्ता करे ताकि शिक्षक बिना जान जोखिम में डालते हुए अपनी शिक्षा के गुण बच्चो तक पहुचने में कोई असुविधा न हो ।
जिसमे शिक्षक राजेश कुमार खरे, अरविंद नेताम, उत्तम कोमरा, जयपद देहरी, संजय कोडोपी ,फीलमन खलखो आदी सभी 12 टीचर नवीन शिक्षक संघ के साथी गण है जाते है नदी पार कर अपनी सेवा देने।
पखांजुर से बिप्लब कुण्डू