शैलदेवी महाविद्यालय, अंडा में आयोजित चार दिवसीय अंतर विद्यालयीन खेल प्रतियोगिता (सृजन 2021-22) के क्रम में आज चतुर्थ दिवस का कार्यक्रम मनोरंजक और ज्ञानवर्धक रहा।
VLC@अंडा.शैलदेवी महाविद्यालय, अंडा में आयोजित चार दिवसीय अंतर विद्यालयीन खेल प्रतियोगिता (सृजन 2021-22) के क्रम में आज चतुर्थ दिवस का कार्यक्रम मनोरंजक और ज्ञानवर्धक रहा। अनेक शा. व निजी विद्यालयों से आए प्रतिभागियों का सा. ज्ञान परीक्षा के प्रति जोश देखते ही बन रहा था। शैलदेवी महाविद्यालय अंडा में चार दिवसीय आयोजन में अंतर विद्यालयीन खेल व सांस्कृतिक कार्यक्रम के समापन के अवसर पर शैलदेवी एडुकेशनल सोसायटी के अध्यक्ष राजन कुमार दुबे मुख्य अथिति के रूप में उपस्थित हुए। साथ ही विभिन्न स्कूलों से आये शिक्षक व समाज के अनेक गणमान्य नागरिक जन भी उपस्थित रहे ।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन व माल्यार्पण के साथ हुआ। पश्चात कार्यक्रम का आरम्भ भारत माता के जयघोष के साथ हुआ। विभिन्न विद्यालयों से आये प्रतिभागीओं अपना एकल व सामुहिक नृत्य की प्रस्तुति देकर समां बांध दिया। उनके नृत्य, गीत-संगीत के साथ तारतम्यता तथा अंग संचालन व भाव-भंगिमाओं को दर्शक भावविभोर हो मन्त्रमुग्ध देखते रहे। विभिन्न स्कूलों के प्रतिभागियों ने अपनी प्रस्तुति देकर खूब तालियां और प्रशंसा बटोरी । प्रतिभागियों ने अपनी कलाकौशल से सभी अतिथियों का हृदय जीत लिया। जिसमे एकल नृत्य में प्रथम स्थान पर अंडा स्कूल से युवराज व अभयराज रहे , द्वितीय स्थान पर लाटाबोड़ स्कूल से खोमेश व सामुहिक नृत्य में प्रथम स्थान पर मतवारी स्कूल से सुमन ग्रुप रही व द्वितीय स्थान पर अंडा स्कूल से ईशा देशमुख ग्रुप रही।
विजेता प्रतिभागियों को शील्ड , प्रमाण पत्र और मेडल देकर चेयरमैन के द्वारा सम्मानित दिया गया । सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ ही साथ सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया था। जिसमें लगभग 600 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया । इस प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार 3001 , द्वितीय पुरस्कार 2001 , तृतीय पुरस्कार 1001था। वहीं 50 अन्य प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को सांत्वना पुरस्कार रखा गया है । इस विद्यालयीन कार्यक्रम में विभिन्न कोचिंग सेंटर व पत्रकारों का भी सम्मान किया गया।इस प्रकार आज के कार्यक्रम के साथ यह चार दिवसीय खेल महोत्सव और सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता आनंद, उल्लास और सुखद भविष्य की कामना के साथ पूर्ण हो गया। और भगवान सूर्य के अस्ताचल गमन के साथ सभी जन अपने घरों की ओर लौट गए।