छत्तीसढ़ी के लिए निगम आयुक्त डॉ. चतुर्वेदी हुए सम्मानित..
vlc@राजनांदगांव. अपने गांव की माटी के गुनगान से लेकर लोगों में कोरोना वैक्सीनेशन जागरूकता हेतु छत्तीसगढ़ी में प्रशासकीय अपील जारी करने वाले साहित्य सुधि निगम आयुक्त डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी का छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति द्वारा सम्मान किया गया।
डॉ. चतुर्वेदी का शाल, श्रीफल व स्मृति चिन्ह प्रदान कर साहित्य समिति जिला इकाई के अध्यक्ष आत्माराम कोशा ‘‘अमात्य’’ संरक्षक आचार्य सरोज द्विवेदी, उपाध्यक्ष गिरीश ठक्कर ‘‘स्वगीय’’, सचिव लखन साहू ‘‘लहर’’ ने उन्हें आगत नये वर्ष 2022 की हार्दिक शुभकामनाए देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
साहित्य समिति के कवि/ साहित्यकारों द्वारा अपने ‘‘आत्मीय सम्मान’’ से अभिभूत डॉ. चतुर्वेदी ने कहा कि हालांकि वे ज्यादातर सामाजिक सरोकार से सम्बंधित कविताएं लिखते है। छत्तीसगढ़ी में गीत भी लिखते है। लेकिन इस तरह के सृजन कार्य के लिए चोट खाए हुए होना जरूरी है। इस दौरान आचार्य द्विवेदी ने विश्व के पहले कवि महर्षि वाल्मीकि की याद दिला दी जिसके द्वारा शिकारी के युगलरत क्रौच पक्षी के बेधन से संसार की सबसे पहली कविता प्रस्फुटित हुई। डॉ. चतुर्वेदी ने इस पर रामचरित मानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास व रत्नावलि के धिक-धिक ऐसे प्रेम को ‘‘प्रसंग को याद किया। जिलाध्यक्ष कोशा ने डॉ. चतुर्वेदी द्वारा लिखे गये सुप्रसिद्ध छत्तीसगढ़ी गीत…. ‘‘हमर साजा हे गांव… जेखर चमकत हे नाव… एखर चारो मुडा हे बेमेतरा, कवर्धा, अऊ दुरूग राजनांदगांव…’’ को यू टयूब में धू मचाने के लिए बधाई एवं शुभकामना दी। आयुक्त डॉ. चतुर्वेदी ने जिले में साहित्यिक गतिविधियां बनाए रखने सहित पुनर्गठित छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति के समस्त पदाधिकारियों व सदस्यों को बधाई एवं शुभकामनाए देते हुए साहित्य समिति द्वारा उनके किये गये आत्मीय सम्मान के लिए साधुवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार ईश्वर साहू समिति के मीडिया प्रभारी युनुस ‘‘अजनबी’’ , कवि/ साहित्य धर्मी हरिशंकर झारराय, पवन यादव ‘‘पहुना’’, कृष्ण कुमार सोनी ‘‘कटाक्ष’’, शैलेष गुप्ता आदि कवि साहित्यकार उपस्थित थे।