1 जनवरी नए साल में घर का कचड़ा ले जाने वाले स्वच्छ्ता दीदीयो को सम्मानित कर यादगार बनाएं जो सभी मौसम में काम करते हैं:
vlc@दुर्ग.नगर पालिक निगम,विधायक अरुण वोरा,महापौर धीरज बाकलीवाल और आयुक्त हरेश मंडावी के मंशा के अनुरूप 1 जनवरी 2022 नए साल में घर का कचड़ा ले जाने वाले स्वच्छ्ता दीदियों को फूल देखकर सम्मानित कर यादकर बनाए।इस मुहिम में शहर की नागरिको से जुड़ने के लिए विधायक अरुण वोरा,महापौर धीरज बाकलीवाल,आयुक्त हरेश मंडावी ने अपील की है।स्वच्छ्ता हमारा महत्वपूर्ण चीज है,आपके घर और शहर को स्वच्छ रखते है सभी मौसम में काम करते हैं
उनका सम्मान करना हमारा हक बनता है,इस मुहिम को एक बेहतर शुरुवात करने के लिए साल का सबसे अच्छा दिन आप सभी नागरिक स्वच्छ्ता दीदियों को सम्मान कर उन्हें एक फूल देककर एक अच्छी से फ़ोटो लेकर हमारे व्हाट्सअप नंबर 8889449856 में पोस्ट करें, समस्त वार्ड से एक आकर्षक फ़ोटो का चयन करके भेजने वाले का किया जाएगा सम्मानित।जन आंदोलन बन चुका स्वच्छता अभियान।शहर में दिखने लगा है,कुछ ऐसा ही कमाल,

शहर की महिलाओं ने कर दिखाया है ऐसा कमाल,जिन्हें लोग अब स्वच्छता दीदियां’ कहते हैं। दरअसल, ये स्वच्छता दीदियां न सिर्फ कचरे के निस्तारण कर रही हैं, बल्कि एक साल में कचरे के निस्तारण और यूजर चार्ज से रुपये भी कमा रही हैं।
शहर की सूरत बदल दी है। वहां की ‘स्वच्छता दीदीया’ कचरे का निस्तारण कर मोहल्ले कालोनी की सड़कों, गलियों और चौक-चौराहों को स्वच्छ रखने में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।खुले में शौचमुक्त,शहर प्लास्टिक एवं कूड़ा-करकट मुक्त स्लम एरिया भी बन गया है। इस अभियान को स्व सहायता समूह की महिलाओं ने अतिरिक्त कमाई का जरिया बनाया है।
ऐसे बन गई ‘स्वच्छता दीदी’
वैसे कचरा संकलन तथा उसे अलग-अलग कर निस्तारित करने का काम इन महिलाओं के लिए सहज-सरल नहीं था। शुरुआत में जब वे रिक्शा लेकर कचरा संकलन के लिए घर-घर जाती थीं, तो लोग उन्हें ऐसे देखते थे जैसे वे कोई खराब काम कर रही हों।इनके काम से शहर के मोहल्ले,कालोनी में लगातार साफ-सुथरा होते गया, तो लोगों का नजरिया भी बदलने लगा। अब शहर वाले इन्हें सम्मान के साथ ‘स्वच्छता दीदी,कहकर पुकारते हैं।
कचरा अपशिष्ठ को अलग-अलग करती हैं
स्व सहायता समूह की महिलाएं सफाई मित्र के रूप में घर-घर जाकर कचरा संकलित करती हैं। सेग्रीगेशन शेड यानि ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन केन्द्र में वे संकलित कचरा में से उनकी प्रकृति के हिसाब से उन्हें अलग-अलग करती हैं। कूड़े-कचरे के रूप में प्राप्त पॉलीथिन,खाद्य सामग्रियों के पैकिंग रैपर, प्लास्टिक के सामान, लोहे का कबाड़ एवं कांच जैसे ठोस अपशिष्टों को अलग-अलग करने के बाद बेच दिया जाता है।जनसंपर्क विभाग।राजू बक्शी