Akshara Singh met Bageshwar Baba: अक्षरा सिंह ने पटना पहुंचे कथावाचक बागेश्वर बाबा धीरेंद्र शास्त्री को सधे सुरों के साथ भक्ति गीत की पंक्तियां सुनाई। उसके बाद वीडियो अपने इंस्टाग्राम पेज पर शेयर किया। 

Akshara Singh met Bageshwar Baba: अक्षरा सिंह ने पटना पहुंचे कथावाचक बागेश्वर बाबा धीरेंद्र शास्त्री को सधे सुरों के साथ भक्ति गीत की पंक्तियां सुनाई। उसके बाद वीडियो अपने इंस्टाग्राम पेज पर शेयर किया।

 

बाबा की आभा से मंत्रमुग्ध अक्षरा ने इस क्लिप के साथ एक टेक्स्ट भी लिखा। उत्साहित एक्टर ने बताया कि उनके लिए ये बड़ी बात है कि जिनको सुनने के लिए पूरी दुनिया बेताब है उन बाबा ने मुझे सुना।

बाबा के सामने अक्षरा गुनगुनाईं लाज रखियो. 

20 से 25 सेंकड के क्लिप में एक्टर कैजुअल लुक में दिख रही हैं। उन्होंने स्ट्राइप्ड शर्ट या टॉप पहन रखा है। उनके अगल बगल भी काफी भक्तगण बैठे हैं। सामने कथावाचक हैं और उनके ठीक दाईं ओर केन्द्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे भी देखे जा सकते हैं। एक्ट्रेस सुर में भक्ति गीत की पंक्तियां सुनाती हैं- जो कुछ यू है- लाज रखियो मां इस दुखिया की, मैं शरण तिहारी…

Fans बोले आप लकी 

अक्षरा के इस वीडियो को बहुत लाइक्स मिल रहे हैं। सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है। कुछ लिख रहे हैं कि बागेश्वर बाबा की कृपा हमेशा आप पे बनी रहें शेरनी। तो कुछ उन्हें लकी करार दे रहे हैं। उनकी गायिकी को भी सराहने वालों की कमी नहीं है।

अक्षरा ने बाबा से मिलने की जताई थी इच्छा

भोजपुरी फिल्मों का चर्चित चेहरा हैं अक्षरा। सिंगिंग और एक्टिंग में पारंगत मानी जाती हैं। अक्षरा सिंह ने पटना में ही एक निजी कार्यक्रम के दौरान कहा था कि बाबा बागेश्वर धाम से वो मिलना चाहती हैं और जब भी मौका मिलेगा वो दिव्य दरबार में जरूर अपनी अर्जी लगाएंगी। अक्षरा सिंह ने कहा था कि वो एक बार बाबा बागेश्वर से जरूर मिलना चाहती हैं। उन्होंने कहा था कि बाबा बिहार की धरती पर आए हैं और मैं बाबा से मिलने कभी भी जा सकती हूं। अक्षरा ने ये भी कहा था कि मुझे सनातन धर्म में पूरी आस्था है।

बिहार में बाबा 

बाबा बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री हनुमान कथा करने के लिए 13 मई को बिहार पहुंचे थे। 17 तारीख को नौबतपुर में उनका आखिरी कथावाचन कार्यक्रम रहा। उनके हर दरबार में श्रोताओं की अच्छी खासी भीड़ देखने को मिली। 15 मई को भीषण गर्मी के बावजूद लोगों का हुजूम जुटा। धीरेंद्र शास्त्री की हनुमान कथा को सुनने के लिए 10 लाख से भी ज्यादा लोग पहुंचे थे। उम्मीद से ज्यादा भीड़ की वजह से उन्हें बीच में ही अपनी कथा रोकनी पड़ी थी। इतना ही नहीं उन्होंने दिव्य दरबार को रोका और हनुमान कथा स्थगित भी की गई थी।

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