1000 लोग, हाईटेक मशीनें, Balasore में जिंदगी को पटरी पर लाने का सबसे बड़ा ऑपरेशन

Odisha Train Accident : तीन ट्रेनों के बीच जोरदार टक्कर, एक भीषण हादसा और सैकड़ों जिंदगियों का सफर कुछ ही पल में पटरियों पर थम गया। रेल की पटरी पर चल रही ट्रेन कब मौत की मशीन बन गई, किसी को पता तक नहीं चल सका था। एक ही पल में एक जोर का झटका आया और 288 लोग के काल के गाल में समा गए। चारों तरफ बिखरे पड़े ट्रेनों के डिब्बे और उखड़ी पड़ी पटरियां चीख चीखकर इस दर्दभरी दास्तां की कहानी बयां कर रही थीं। करीब 38 घंटे गुजर जाने के बाद भी पटरियों पर मौत के निशां बाकी हैं। फिलहाल इन खूनी पटरियों पर सफाई का काम जारी है। हादसे के बाद अब जिंदगी को पटरी पर लाने की कोशिश की जा रही है।

ओडिशा के बालासोर में ट्रैक की बहाली का काम युद्धस्तर पर चल रहा है। हादसे वाली जगह पर चल रहे सबसे बड़े इस अभियान में एक हजार से अभी ज्यादा कर्मचारी दिन रात लगे हुए हैं। हर तरफ बिखरे पड़े ट्रेनों के डिब्बो, उखड़ी पड़ी ट्रैक की पटरियों को ठीक करने के लिए कई टीमों को काम पर लगाया गया है। रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि 7 से अधिक पोकलेन मशीनें, 2 दुर्घटना राहत ट्रेनें, 3 से 4 रेलवे और सड़क क्रेन को तैनात किया गया है।

पटरियां बिछाने का काम भी शुरू 

दक्षिण पूर्व रेलवे के CPROआदित्य कुमार चौधरी ने बताया कि हम जल्द से जल्द कार्य खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। यहां 4-5 डिविजन और 2-3 जोन की टीम काम कर रही है। यहां रेलवे के सारे अधिकारी मौजूद हैं। उन्होंने बताया कि जितनी भी बोगी पलटीं थीं, उनको हटा दिया है। मालगाड़ी की 3 में से 2 बोगियों को हटा दिया गया है और तीसरे को हटाया जा रहा है। जल्द ही ट्रैक को साफ कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी OHE का काम किया जा रहा है और दूसरी तरफ से ट्रैक लिंकिंग का कार्य चल रहा है।

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव खुद भीषण हादसे के बाद से ही पहुंचे हुए हैं। रविवार की सुबह अश्विनी वैष्णव ने दुर्घटनास्थल पर चल रहे मरम्मत कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा, ‘कल प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों पर तेजी से काम चल रहा है। कल रात एक ट्रैक काम लगभग पूरा हो गया। आज एक ट्रैक की पूरी मरम्मत करने की कोशिश रहेगी। सभी डिब्बों को हटा दिया गया है। शवों को निकाल लिया गया है। कार्य तेजी से चल रहा है। कोशिश है की बुधवार की सुबह तक सामान्य रूट चालू हो जाए।’

अभी भी कई लोग जिंदगी के लिए जंग लड़ रहे 

अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक बालासोर ट्रेन हादसे में 288 शव बरामद किए गए हैं और करीब 1000 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिन्हें विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। अभी भी अस्पताल में कई यात्री जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं। घायल यात्रियों को बचाया जा सके, इसके लिए कई जगहों से मेडिकल टीम को लगाया गया है। बताया जा रहा है कि एम्स दिल्ली के चिकित्सा विशेषज्ञों की एक टीम भी ओडिशा जाएगी और जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे लोगों को नई जिंदगी देने की कोशिश करेगी।

 

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